पिछले दिनों सुदर्शन के बयां से भरी बवाल मचा, और ठीक उसके पहिले राहुल गाँधी ने बवाल मचाया था.
हमारे देस में संविधान के अनुसार सबको अपनी बात रखने की छूट है. लेकिन इस अधिकार के चक्कर में ये महान हस्तिया आम लोगो की भावनाओ को कितना thes पहुचाते है ये तो या सिर्फ ये जाने या उपर वाला जिसे आज तक किसी ने नहीं देखा है, मगर विस्वास बहुत है अपने ३३ करोर्ड देवी देवताओ पर जो इतने तब से है जब सारे देसों को मिलाकर के भी इतनी जनसँख्या नहीं थी.खैर मेरी समझ से ये सब पब्लिक stunt है जो जरुरी है राजनीती में बने रहने के लिए और बात bijar गई तो माफ़ी मांग लेंगे और हम (indian) maaf karne में बहुत आगे hai
Saturday, November 13, 2010
Wednesday, September 29, 2010
VISHWAS: sadbhawana
VISHWAS: sadbhawana: "अल्लाह मेरे नब्ज में है इश्वर से है मेरा खून जात पात का भ्रम ये छूरों इसको जाओ भूल वर्ना दुनिया कहेगी देखो झुलश गए दो गुलाब के फूल"
sadbhawana
अल्लाह मेरे नब्ज में है इश्वर से है मेरा खून
जात पात का भ्रम ये छूरों इसको जाओ भूल
वर्ना दुनिया कहेगी देखो झुलश गए दो गुलाब के फूल
जात पात का भ्रम ये छूरों इसको जाओ भूल
वर्ना दुनिया कहेगी देखो झुलश गए दो गुलाब के फूल
Thursday, September 16, 2010
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